भोपाल। मैग्नीफिसेंट एमपी ( Magnificent MP) के आयोजन से पहले आज भोपाल में सीएम कमलनाथ की अध्यक्षता में प्रदेश कैबिनेट की अहम बैठक हुई। जिसमें सरकार ने लघु और सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहन देने के इरादे से नई एमएसएमई विकास नीति 2019 को मंजूरी दी। इसके अलावा कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक-वाहन नीति पर भी अपनी मुहर लगा दी।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क उधमपुर में जो जमीन जापान सहित अन्य देशों के लिए आरक्षित की गई थी। उसमें से 72 हेक्टेयर जमीन वापस ले ली गई है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति को भी मंजूरी दी है। इसके तहत अगले 5 साल में 2000 बसें खरीदी जाएंगी
यह बसें इंटरसिटी चलेंगी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार 5 साल में ई-रिक्शा के क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। ऑटो रिक्शा बस सहित अन्य वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए चार्जिंग स्टेशन के लिए भी सब्सिडी दी जाएगी।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि पर्यटन नीति में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है अब रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में निजी भवन का इस्तेमाल भी पर्यटन के लिए किया जा सकेगा दो तिहाई भवन का इस्तेमाल टूरिस्ट के लिए करने की अनुमति होगी।
खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि गौण खनिज की नीलामी की जाएगी। खदानों की नीलामी अब सरकार करेगी। 25 करोड़ से अधिक गुणकारी क्षेत्र में निवेश करने पर नीलामी की जगह सीधे जमीन का पट्टा दे दिया जाएगा। निजी भूमि पर भी गौण खनिज के खनन का पट्टा मिलेगा। इसमें रॉयल्टी 15 परसेंट से बढ़ाकर ली जाएगी।
गिट्टी से रेत बनाने की यूनिट को प्रोत्साहित करने के लिए रॉयल्टी 125 रुपए से घटाकर 50 रुपए करने पर भी निर्णय लिया गया। ग्रेनाइट वेस्ट की भी नीलामी होगी। इसके लिए भी प्रबंध के पास जारी किए जाएंगे। उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए रॉयल्टी 50 रुपए कर दी गई है। वन और राजस्व विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लेना होगा। यह अब कलेक्टर दे देंगे। 50 रुपए क्यूबिक मीटर की दर से रॉयल्टी लगेगी। खनिज मंत्री ने कहा कि इन नए प्रावधानों से सरकार को करीब 500 से 700 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा जो अभी केवल 14 करोड़ है।
नई खनिज नीति के तहत अब रेत के अवैध उत्खनन रोकने के लिए रेत की खदानों में सीसीटीवी और रेत का परिवहन करने वाले वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के इरादे से सरकार ने अहम कदम उठाया है। स्टार्टअप नीति को भी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत 1 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। स्टार्टअप की निगरानी करने के लिए एक स्वतंत्र संस्था का भी गठन होगा। बेस्ट स्टार्टअप को सरकार एक लाख का पुरस्कार देगी। भोपाल इंदौर के साथ अब जबलपुर और ग्वालियर में भी सेंटर खोले जाएंगे
नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार विकास प्राधिकरणों के लिए भी लैंड पूलिंग पॉलिसी लाएगी। अवैध कॉलोनियों की समस्याओं से निपटने के लिए अधिनियम में संशोधन होगा।
इसके अलावा प्रदेश सरकार ने नई रियल एस्टेट नीति को भी मंजूरी दी है। पहले जहां डेवलपर और कॉलोनाइजर को अपने प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए लिए अलग-अलग 27 तरह के दस्तावेज देने होते थे। कॉलोनाइजर को अब ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में कॉलोनी काटने के लिए अलग-अलग अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन स्टांप शुल्क के लिए एक अलग ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा। नजूल की एनओसी लेने की व्यवस्था खत्म होगी 30 दिन के अंदर यदि अनुमति नहीं मिलती है तो स्वतः अनुमति मान ली जाएगी। इसके अलावा सरकार जल्द अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर एक्ट में संशोधन करेगी।
अब कॉलोनाइजर को आश्रय शुल्क देने पर अर्फोडेबल हाउसिंग के बंधन से छूट मिल जाएगी। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ईडब्ल्यूएस का निर्माण करेगी। 4 साल में छह लाख ईडब्ल्यूएस बनाए जाएंगे। इसके अलावा अगर कोई बिल्डर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आवास बनाता है तो उसे विशेष प्रोत्साहन के तहत अतिरिक्त एफएआर दिया जाएगा। वहीं नई रियल एस्टेट पॉलिसी में कॉलोनाइजर या बिल्डर को एक बार लाइसेंस लेने पर पांच साल दोबारा मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। मंजूरी पूरे मध्यप्रदेश के लिए मान्य होगी। शहरों के बाहर एफएआर फ्री जोन बनेंगे। यहां पर हाई राइज बिल्डिंग बनेगी।